.jpg)
credit @CNN
आज हमारे पास इंडियन फुटबॉल से रिलेटेड अच्छी बात भी है और बुरी बात भी है| क्योंकि इंडियन स्क्वाड भी आ चुका है CFA टूर्नामेंट के लिए तो अच्छी बात है| लेकिन दो बुरी खबरें भी चल रही है मार्केट में जिसके ऊपर बात करेंगे तो पहले हम बुरी चीज के ऊपर ही बात कर लेते है बेड न्यूज़ उसके ऊपर फिर हम इंडियन स्क्वाड के ऊपर बात कर लेंगे हालांकि उसमें भी कुछ प्लेयर्स मौजूद नहीं है|
अभी इंडिया फुटबॉल की हालत ऐसी कर दी है तो क्या ही बोल सकते है, कुछ बोलने के लिए रहता नहीं है तो देखिए सबसे पहले जो मेन एक मार्केट में चल रही है बात की FIFA फिर से इंडियन फुटबॉल को बैन कर सकता है ऐसी पॉसिबिलिटीज हो रही है बन रहे है हम ऐसे हालात क्रिएट खुद कर रहे हैं|
क्या FIFA फिर से इंडियन फुटबॉल को बंद कर देगा
FIFA फीफा जो है वह कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन हम खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने पर लगे हुए है कि नहीं नहीं हमको बैन करवा के ही मानेंगे जैसा एक बार पहले भी हमने करवाया था| तो दिक्कत क्या हो रही है कि AIFF का कॉन्स्टिट्यूशन उसका इंप्लीमेंटेशन उसमें डीले पर डीले होते जा रहे हैं| क्योंकि कोर्ट के साइड से हियरिंग पर हियरिंग तारीख पे तारीख बढ़ते जा रही है|
और जैसा कि आपको पता है कि हमारे इंडिया की टॉप डिवीजन लीग होगी या नहीं होगी इसका कहीं से कहीं तक पता ही नहीं है, हालांकि 28 अगस्त को जो है वह सुप्रीम कोर्ट की हियरिंग थी लेकिन उसमें भी नहीं पता चला कि क्या फाइनल डिसीजन आएगा कि नहीं आएगा क्योंकि हमारे इंडिया का कोर्ट कहते ही है चलिए ठीक है कोई दिक्कत नहीं अगली तारीख तो है|
यह सिलसिला तो चलते आ रहा है काफी टाइम से और देखिए कोर्ट कह रहे हैं कि हमारे पास कॉन्स्टिट्यूशन का जजमेंट रेडी है| लेकिन जो नया स्पोर्ट्स बिल आया है अभी 2025 का हम उसके हिसाब से मैच करके जजमेंट देंगे उसके बाद AIFF का कॉन्स्टिट्यूशन जो है वह आएगा तो अभी वह कब आएगा लेकिन उसका अभी भी कोई भरोसा नहीं है|
यह तो खाली कोर्ट तो एक संभावना देता है जैसे हियरिंग दे देता है कि हां उस हियरिंग पर अगर सब चीज सही हो गई तो हम फैसला सुना देंगे पर जैसे कि आपको पता है कि काफी जो ISL क्लब्स है अपने ऑपरेशंस भी धीरे-धीरे कम या बंद इस टाईप की चीज भी आपको देखने को मिल रही है|
AIFF क्या चाहता है?
तो ऐसी चीज जब होगी क्योंकि ऐसे ही एक बार और 2022 के टाइम पर थर्ड पार्टी इंटरफ्रेंस की वजह से जो है FIFA ने बैन लगा दिया था| और अभी लेकिन हमारा जो सिस्टम है वह ही क्लियर नहीं दिख रहा है, तो ऐसे में फिर से बैन लगा देगा| अब बैन लगाने से AIFF का तो पता नहीं लेकिन जो दूसरे लोग मेहनत कर रहे हैं क्लब मैनेजमेंट या फिर प्लेयर्स कोच|
और जो भी एक-एक व्यक्ति जो शायद घास पर पानी भी डाल रहा होगा स्टेडियम में हर उस इंसान को बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा|क्योंकि ना तो अभी एशियन क्वालीफायर्स में हम खेल पाएंगे ना तो हमारी FC चैंपियनशिप 2 में कोई टीम खेल पाएगी क्योंकि एक महीने के अंदर यह सारे टूर्नामेंट है या जो भी मैचेस है या आने वाले हैं|
अक्टूबर में क्वालीफायर्स है सितंबर में ACL है तो अगर यह ऐसी चीज चलते रहेगी तो FIFA फीफा को तो पता है रातों-रात बैन लगा देता है| ऐसी चीज FIFA पहले भी कर चुका है तो, यहां पर समझ में नहीं आता और लगता है आप में से भी काफी फैंस को एक चीज समझ में नहीं आती होगी कि हमको यह चीज दिखती है कि अगर ऐसा होगा तो बैन लग सकता है|
यह होगा तो दिक्कतें आ सकती है क्लब ऑपरेशंस बंद कर देंगे बहुत सारी चीज हमारे दिमाग में चलती है लेकिन AIFF के दिमाग में क्या यह चीज चलती है कि नहीं चलती है, कि ऐसा भी हो सकता है की हम जितना यहां पर अपनी टाइमिंग या टाइम खोटी करेंगे हमारे ऊपर और दिक्कतें बढ़ते जाएगी पता नहीं इनको समझ में आता है कि नहीं|
क्या होगा कॉन्स्टिट्यूशन से
यहां पर हमको समझ में आ रहा सबको समझ में आ रहा है यह पहले भी इसके ऊपर हम बातचीत कर चुके हैं कि ऐसी चीज होने से क्या घाटा हो सकता है| और AIFF की एक और हरकत रहेगी बिल्कुल आखरी के टाइम पर बिल्कुल खड़े पर बोलते है, वैसे चीज सॉर्ट आउट करना रहता है उसको और ऐसे में क्या होता है पूरा मिट्टी पलीत कर देता है|
पूरी चीज बिगाड़ देता है और ऐसी चीज पहले भी देख चुके हैं चाहे वह आई लीग पिछले सीजन का आई लीग की बात करें जैसे तैसे करके ब्रॉडकास्टर लाना फिर लीग चालू कर देना बजट कटौती वैसे यह है MRA जब आपको पता था यह सब इस साल खत्म होने वाला है क्या कर रहे थे 1 साल से, चाय समोसे बीड़ी फूंक रहे थे पता नहीं क्या दिमाग में चलता है इनके|
बेज्जती करने का काम है अभी दूसरा भी बेड न्यूज़ के ऊपर बात करेंगे और देखो यहां पर अभी एक और चीज पहले भी पिछले बार भी हमने बताया था, कि कॉन्स्टिट्यूशन कितनी मची हुई कॉन्स्टिट्यूशन आएगा तो ये हो जाएगा देखते हैं क्या हो जाएगा हम वही वेट कर रहे है जो कॉन्स्टिट्यूशन का हउवा मचा हुआ है| क्योंकि भाई करप्ट इंसान है नियम बदलने से करप्ट इंसान नहीं बदलता|
अभी भी क्या सुधार है मतलब ऐसा तो होगा नहीं, यह कॉन्स्टिट्यूशन आया पूरी जितने भी ऊपर से नीचे तक डिस्ट्रिक्ट लेवल से जो है वहां तो एकदम सब चेंज हो जाएगा पता है आपको क्या चेंज हो जाएगा| लेकिन ठीक है इस बारे में हम ज्यादा चर्चा नहीं करेंगे वरना कुछ लोग बोलेंगे पूरी नेगेटिव बाते बता रहे है| लेकिन नेगेटिव नहीं है,लेकिन थोड़ा सा आपको पहले से थोड़ा सा रियलिटी में ही रखना चाहते है|
वेन्यु के हालात (स्टेडियम)
ताकि आपको यह न लगे की अरे चेंज तो हुआ था फिर क्या हुआ| लेकिन अब हम दूसरी बात पर चलते है दूसरी बात क्या है| जैसे कि आपको पता है कि हमारे यहां पर अक्टूबर में इंडिया वर्सेस सिंगापुर का मैच होना है जो की डिसाइड था कि जो बेंगलुरु का कंतीरवा स्टेडियम है जहां पर बेंगलुरू एफसी की टीम भी खेलती है अपने होम मैचेस वहां पर होगा|
लेकिन अब एएफसी ने उस स्टेडियम को रिजेक्ट कर दिया है और यह घनघोर बेज्जती किस वजह से हुई है उनका कहना है कि जो पिच कंडीशन है वह सही नहीं है| अब इससे बड़ी बेज्जती इंटरनेशनल लेवल पर क्या होना चाहिए| मतलब क्या होगी कि हमारे पास गिनती के कुछ स्टेडियम है जहां पर पिछले 5 सालों में आंकड़ा देखा जाए तो केवल 7 सीटी के स्टेडियम इंडियन फुटबॉल के मैचेस के लिए इस्तेमाल किए गए हैं|
मतलब इतने कम है फिर भी उसका मेंटेनेंस नहीं कर पा रहे हम लोग, तो अब देख लो क्या है अब वह कहां जा रहा है कि आपको दूसरी जगह शिफ्ट होगा तो जिसमें दो वेन्यू, न्यूज़ में तो दो वेन्यू चल रही है गोवा शिलांग तो शिलांग में तो अभी अभी डूरंड कप भी खेला और इसके पहले उन्होंने क्वालीफायर्स भी होस्ट किया था|
और गोवा की बात करें तो तभी उन्होंने अलसीप का मैच खेला और उसके पहले की बात करें तो बहुत पहले मतलब 2020 से भी पहले म्यांमार के साथ मैच खेला था वह होस्ट किया था कितनी पब्लिक आई थी 5000 मैच ऐसी जगह भी देखो जहां पिच कंडीशन तो ठीक है| लेकिन फैंस भी तो आए फैंस पहुंचे तो ये देखने की उत्सुकता है उनमें|
अक्टूबर नवंबर में मेसी आने वाले है
तो वह जगह आपको पता है कि वह दो-तीन ही जगह पर है तो वो हाउसफुल होता है|अगर इंडिया में कहीं मैच कराया तो हाउसफुल होता ही नहीं, और एक चीज काफी टाइम से समझ में नहीं आ रही कि केरला जहां की ऑडियंस एकदम फुटबॉल के लिए बिल्कुल पागल है वहां पर मैच ही नहीं करवाते हमारे इंडियन फुटबॉल टीम के जबकि वहां पर मैच करवा सकते हैं|
और जब की अभी ऐसा कहां जा रहा है कि सच में मेसी जो है वह नवंबर में आने वाले है केरला तो फिर तो ग्राउंड राउंड पर भी काम हो ही रहा होगा तो अक्टूबर नवंबर में मेसी आने वाले है तो अक्टूबर में तुम्हारे क्वालीफायर्स है| तो वहां तो मतलब बहुत अच्छा हो जाएगा|
लेकिन उसको नहीं सोच रहे पता नहीं क्यों नहीं सोच रहे जो भी है| लेकिन यह अच्छा नहीं लगा कि एक बार किसी वेन्यू को डिसाइड करके रिजेक्ट कर दिया गया मतलब एक होता है कि चेंज कर दिया ड्यू टू सम, बहुत ही ऐसे रीजंस की कुछ, मतलब कि वहां पर कुछ प्रॉब्लम है| लेकिन पिच कंडीशन खराब है यह क्या बात होती है इतनी सी चीज घास आपसे मेंटेन नहीं हो रही है|
इंडियन फुटबॉल टीम का स्क्वाड
लेकिन कुछ नहीं कह सकते चलिए यह बुरी बातों के बाद अब एक थोड़ी अच्छी बात करी जाए| इंडियन फुटबॉल टीम का स्क्वाड जो है अनाउंस हो चुका है| कि कौन-कौन से प्लेयर्स फाइनली इंडियन टीम के साथ जाएंगे और CAFA कप में खेलेंगे जो की बहुत ही शानदार टूर्नामेंट होने वाला है| लेकिन कुछ क्लब्स ऐसे सोच रहे हैं, कि फ्रेंडली को ज्यादा इंपोर्टेंस नहीं देना है|
चलिए कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जो भी दे रहा है उनको बहुत बहुत रेस्पेक्ट और चलिए अब हम बात करते हैं कौन कौन से प्लेयर्स है|तो देखिए गोल कीपर में गुरप्रीत, अमरिंदर और रितिक तिवारी है| जो कि ऋतिक तिवारी भी अच्छा परफॉर्म करें हैं गुरप्रीत संधू तो सबसे एक्सपीरियंस और अमरिंदर सिंह के पास भी काफी अच्छा एक्सपीरियंस है|
और इस टूर्नामेंट में यंग के साथ एक्सपीरियंस की बहुत ज्यादा जरूरत है लेकिन यहां पर टीम्स जो है वह ललू पंजू टीम्स नहीं है काफी तगड़ी टीम्स होगी| तो गोलकीपर के सिलेक्शंस काफी अच्छे हैं और गुरप्रीत संधू तो हमको, जो समर सीजन था इसमें काफी मेहनत करते हुए दिखे हैं वह फौरन भी गए थे तो बिल्कुल यहां पर लगता है कि उनके साइड से हमको कुछ अच्छा परफॉर्मेंस देखने को मिलेगा|
और हालांकि जब भी बड़ी टीम के अगेंस्ट मैच होता है तो गुरप्रीत संधू के अंदर जो है वो एकदम पता नहीं क्या चिंगारी आ जाती है बहुत ही शानदार परफॉर्म करते हैं|अगर हम डिफेंडर्स की बात करेंगे तो डिफेंडर्स में देखिए अगर स्टॉपर को देखें तो हमारे पास राहुल भेके, अनवर अली, संदेश झिंगन और सना सिंह का ऑप्शन है जो की काफी अच्छा और बहुत अच्छा ऑप्शन कह सकते है|
इनके अलावा कोई ऑप्शन नहीं
लेकिन अनवर और झींगन की जो जोड़ी रही है वह काफी अच्छी भी रही है और उनके अंदर में काफी अच्छा डिफेंस देखा है एक लीडरशिप देखी तो बिल्कुल और भेके और सना सिंह भी काफी अच्छा परफॉर्म करते हैं ऐस अ स्टॉपर जब भी खेलते हैं और भेके तो साइड बैक भी काफी अच्छा खेल लेते हैं| अब देखिए आप में से कुछ फैंस वह एक चीज बोलेंगे अरे यह प्लेयर क्या है यह तो गोली खाते हैं|
और इनसे हार ही रहे है इनसे कुछ नहीं हो रहा तो देखिए अभी हमारे पास इनकी तारीफ करने के अलावा कोई ऑप्शन ही नहीं है क्योकि इनके अलावा कोई प्लेयर ही नहीं है|तो हम कुछ बोल ही नहीं सकते हमारे पास यही ऑप्शन है कि इन्हीं प्लेयर के साथ हम क्या सोच सकते वही सोचना पड़ेगा| तो आप ये सोचेंगे की नहीं पूरी टीम चेंज करो ये तो हारते ही रहते है|
आप ही ओप्शन बताओ क्या ओप्शन है अगर नहीं है तो इनकी ही तारीफ करो इनको ही मोटीवेट करो इनका ही मोरल बढाओ और यह आपको रिजल्ट लाकर देंगे| इसके अलावा सेकेंडरी ऑप्शन आपके पास नहीं है| अब आगे बढ़ते हैं बढ़ेंगे हम फुल बैक की तरफ फुल बैक में हमारे पास ऑप्शंस है रोशन का वालपुईया का और मोहम्मद आवेश का जो कि अभी पहली बार आया है|
तो ये ऑप्शन भी ठीक है आवेस का परफॉर्मेंस भी काफी अच्छा रहा है रोशन वॉलपुईया तो बहुत अच्छा करते हैं और एक प्लेयर जिनका नाम यहां पर शायद यहां पर नहीं है मिडफील्डर में है|बोरिस भी साइड पे ज्यादा खेल रहे हैं तो बोरिस को भी ऑप्शन में यहां पर ले सकते है| उसके बाद अगर हम बढ़ेंगे मिडफील्डर की तरफ तो हमारे पास चार ऑप्शंस है|
स्ट्राइकर हमारे पास केवल एक
सुरेश सिंह का जिकसन का निखिल प्रभु एक अच्छे खिलाडी है जिन्होंने लास्ट सीजन आईएसएल में बहुत अच्छा परफॉर्म किया तो उनकी यहां पर जगह बन गई है| और दानिश फारुख भट्ट जो की काफी टाइम बाद फिर से वापसी करें इंडियन फुटबॉल टीम में तो यहां पर देखीए हमने सुरेश और जिकसन को तो लगातार देखा हुआ है इंडियन फुटबॉल टीम में|
बाकी निखिल और दानिश को भी देखा है लेकिन उतना रेगुलर नहीं देखा है तो निखिल और दानिश को बिल्कुल यहां पर देखना चाहेंगे कि उनके साइड से हमको क्या चीज देखने को मिलती है|और विंगर की बात करेंगे तो विंगर हमारे पास भरे पड़े है मतलब आप गिनते चलिए बोरिस जो है वह विंगर भी खेल लेते हैं साइड बेक भी खेल लेते है तो इसलिए बोरिस को भी अकाउंट कर सकते हैं| तो बोरिस हो गया आशिक कुर्नियन,उदन्ता, महेश सिंह, जीतींन अहमद,लालीन ज्वाला,छंगटे, विक्रम प्रताप, इरफान यादवा, इतने सारे विंगर हमारे पास है|
अभी आपके पास कमी नहीं है ऑप्शन की, और स्ट्राइकर हमारे पास केवल एक है मनवीर सिंह हालांकि उनका नाम फारवर्ड में लिखा हुआ है तीन-चार प्लेयर का लेकिन आपको पता है कि उनको जब फॉरवर्ड खिलाते हैं तो आउटकम जो है वह ना के समान होता है नेगेटिव रहता है| इसलिए स्ट्राइकर एक है मनवीर जो कि थोड़ा स्ट्राइकर पोजीशंस पर खेलते रहे हैं|
दूसरा टूर्नामेंट ज्यादा इंपॉर्टेंट
अब यह मनवीर सिंह है जमशेदपुर वाले दूसरे वाले तो यहां पर यह प्लेयर हमारे पास अवेलेबल है और जिस टाइप का भी स्क्वाड है कुछ इसमें नए चेहरा है कुछ नए प्लेयर है| तो अभी आपको थोड़ा इनके ऊपर ट्रस्ट दिखाना पड़ेगा और इनका ही सपोर्ट करना पड़ेगा क्योकि दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है|
कुछ प्लेयर्स जो हो सकते थे लेकिन उनके लिए दूसरा टूर्नामेंट ज्यादा इंपॉर्टेंट लग रहा है उनको हालांकि सेम टूर्नामेंट के कुछ दूसरी टीम ने अपने खिलाडी रिलीज की है तो (थैंक यू सो मच फोर देट) कि अपने इंडिया को इंडिया समझा तो ओवरऑल स्क्वाड तो वैसे ठीक है| लेकिन थोड़ा सा मिडफील्ड का कंसर्न है क्योकि मिडफील्डर जो है वहां पर दो तो चलिए रेगुलर प्लेयर है|
लेकिन दो प्लेयर्स थोड़े न्यू टाइप के समझो तो वहां पर जो है ऑप्शंस थोड़े कम है| बाकी विनगर बहुत है स्ट्राइकर तो चलो एक ही है लेकिन वहां पर जो है, थोड़ा मैनेज करना पड़ेगा किसी विंगर को स्ट्राइकर बनाकर इस टाइप का वो तो खेल इंडिया में चलते आ रहा है| उसके अलावा हमारे पास ऑप्शन रहता भी नहीं है और डिफेंडर्स हमारे पास ठीक है|
और एक्चुअली में इस टूर्नामेंट में मिडफील्डर की थोड़ी जरूरत थी क्योकि हम मजबूत टीम के खिलाफ खेलने वाले हैं| तो वह चीज के लिए वहां से थोड़ा कमी महसूस होगी थोड़ी वीकनेस महसूस हो सकती है लेकिन देखते है की खालिद जमील उस चीज को भी टेंपरेरी सॉल्यूशन के रूप में कैसा वहां पर मैनेज करते हैं|
तो वह खालिद जमील की इंटेलीजेंस कहलाएगी की वो कैसे मैनेज करते हैं, और जो जो खिलाडी उनके पास नहीं है तो इस टूर्नामेंट में कैसे टीम को सेट करते हैं| और जो भी हो कर पाए इस टूर्नामेंट में पहले आपको बता दे कि इस टूर्नामेंट खालिद जमील को क्रिटिसाइज मत करना यह हम आपको एक रिक्वेस्ट कर रहे है|खालिद जमील को इस टूर्नामेंट के लिए क्रिटिसाइज मत करना|
कोच के ऊपर ब्लेम ना डाले
क्योंकि एक तो यहां पर बहुत टफ टूर्नामेंट है पहले कई प्लेयर्स उनको मिले भी नहीं है जितने मिले हैं उनसे वो काम चला रहे हैं| और यह उनका पहला टूर्नामेंट है तो पहला टूर्नामेंट कभी भी पहला नहीं शुरू के छह सात महीने तो किसी भी कोच को देने चाहिए कि हां करो ट्राई करो एक्सपेरिमेंट को भी जो कर सकते करो|
क्योकि इसके अलावा कोई ऑप्शन नहीं है|
अब बोलेंगे नहीं अभी खालिद जमील आए हैं, इंडियन आया है अभी तो क्वालिफाई करके दिखाओ और एकदम से ईरान को हराकर दिखाना, तो यह थोड़ा सा बहुत ज्यादा जल्दबाजी और बहुत ज्यादा प्रेशर उनके ऊपर बिल्ड कर देंगे जिसकी वजह से फिर होगा यह की (एट द एंड) क्रिटिसिजम बार बार देखकर उनको सोचना पड़ेगा कि चलो छोड़ो यार आईएसएल में कोचिंग कर लेते है|
तो वहां पर आपको सपोर्ट करना पड़ेगा क्योंकि अब तो आपके मन की भी हो ही गई है|कि एक इंडियन को कोच बना ही दिया अब देख लो क्या होता है| तो देख लो फिर तो बाकी इन चीजों के ऊपर आपकी क्या विचार है इंडियन स्क्वाड या बेंगलुरु में वेन्यू शिफ्ट करना बेंगलुरु से दूसरी जगह पर या फिर FIFA बैन की एक आशंका है|










